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Sunday, August 12, 2012

पागलपन



अब समझ गया हूँ

क्यों किसी ने-
मौन को भी

मौनाभिव्यक्ति कहा था,

किसी ने जब कहा था-
“आपसे प्रेम है”
तब मैंने कहा था-
इसे मौन ही रहने दो,
क्योंकि, कहने में ही,
न कहने का भाव
छिपा रहता है, एक

द्वंद्व बना रहता है
इसीलिए मौन को 

अभिव्यक्ति मान लिया है

फिर किसी ने पूँछा-
प्रेम का मतलब क्या है,
झुँझलाकर मैं बोला
प्रिय का सिर फोड़ देना,
यही प्रेम का मतलब है

उसने कहा-
पागल हो गए हो?
मैं मौन हो गया, अपना
पागलपन पहचान गया

प्रेम का अर्थ जान गया
-----------------------------विनय